‘Tera Junoon‘ poem celebrates the journey of resilience, courage, and determination. It narrates the story of someone who faced immense struggles, walked on challenging paths, and overcome obstacles with unyielding faith and efforts.
Despite the darkest times and countless falls, their relentless pursuit turned dreams into reality, proving that strong willpower and self-belief can shape destiny.
TERA JUNOON
जिस हिम्मत के साथ तूने खुद को आज़माया था
जिस जुनून के साथ तूने कदम बढ़ाया था
कायल हो गया था तेरा खुदा भी
जब तूने अपनी किस्मत का क़लम उठाया था।
हाँ, राह बड़ी पथरीली थी
और कई बार तू गिरा भी,
जख्मी दिल के साथ... फिर भी आगे बढ़ा तू।
आज़माइश के वो दिन
काली रात से भी काली थे,
पर तू हिम्मत के साथ बढ़ता रहा...
सियाह गलियों को चीरता रहा।
तेरी ख्वाहिशों के पंख ने आसमान को भी झुका डाला,
जिस ख्वाब का वजूद सिर्फ तेरी निगाहों में था।
उस ख्वाब को तेरी हिम्मत ने
ज़िंदा कर डाला।
TERA JUNOON
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