‘Yaadein’ poem tells us about how memories are like fire on a cold nigh – they warm the heart but also remind us of what’s missing . This poem is about those beautiful moments spent with family, laughing, teasing, and sharing warmth. But time moves on, and all we are left with are memories. Cherish the moments with your loved ones before they turn into just memories.

यादें - जो दिल को छू जाये
आज रास्ते से निकल रही थी,
कुछ लोगों को आग में हाथ
सेकते हुए देखा
ठंड का मौसम है,
ठंड एन्जॉय करते हुए देखा I
मैं भी पुरानी यादों के
पन्नों में खो गई।
बहुत शौक़ था मेरे अब्बा को,
आग में हाथ सेकने का।
ठंड में जब वो बाइक चला कर आते थे,
सबसे पहले, आग जलाने का इंतज़ाम करते थे।
हम चारों भाई-बहन
फिर झुंड बना
आग पर हाथ सेकते थे।
किसी का मज़ाक उड़ाते थे,
किसी की टांग खींचते थे,
और हँसते-हँसते बारह बज जाते थे
ज़िंदगी के वो पल बहुत ख़ुशगवार थे।
हमारा पूरा परिवार तब साथ हुआ करता था।
अम्मी अब्बा के चेहरे पर अलग ख़ुशी होती थी,
जब हम सब भाई-बहनों को हँसते हुए देखते थे।
जब भी सोचती हूँ उन लम्हों के बारे में
आँखें नम हो जाती हैं
वो लम्हे अब सिर्फ़ यादें हैं,
जिन्हें सिर्फ़ ख़्वाबों में ही
फिर से जी पाऊँगी
अपनों के साथ जो भी लम्हे मिले,
उन्हें जी भर के जी लो
कुदरत ऐसा खेल खेलती है,
कि अपने बिना बताए चले जाते हैं
वो लम्हे फिर कभी वापस नहीं आते
पीछे सिर्फ़ यादें छोड़ जाते हैं I
Naseema Khatoon
YAADEIN – JO DIL KO CHHOO JAYEIN
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